- निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए आई.टी.आर.-2 फ़ाइल करने के लिए कौन पात्र है?
आई.टी.आर.-2 उन व्यक्तियों या एच.यू.एफ. द्वारा फ़ाइल किया जा सकता है जो:
- आई.टी.आर.-1 (सहज) फ़ाइल करने के लिए पात्र नहीं हैं?
- व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति से आय नहीं है और व्यवसाय या पेशे के लाभ और प्राप्ति से भी निम्न प्रकार की आय नहीं है :
- ब्याज
- वेतन
- बोनस
- कमीशन या पारिश्रमिक, चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो, किसी साझेदारी फर्म को देय हो या उससे प्राप्त किया गया हो।
- किसी अन्य व्यक्ति जैसे पति/पत्नी, नाबालिग बच्चे आदि की आय को उनकी आय के साथ जोड़ा जाना चाहिए - यदि जोड़ी जाने वाली आय उपरोक्त श्रेणियों में से किसी में आती है।
- निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए आई.टी.आर.-2 फ़ाइल करने के लिए कौन पात्र नहीं है?
आई.टी.आर.-2 किसी भी ऐसे व्यक्ति या एच.यू.एफ. द्वारा फ़ाइल नहीं किया जा सकता है, जिसकी वर्ष की कुल आय में कारोबार या व्यवसाय से लाभ और अभिलाभ शामिल है, और जिसकी आय निम्न प्रकृति की है:
- ब्याज
- वेतन
- बोनस
- कमीशन या पारिश्रमिक, चाहे वह किसी भी नाम से जाना जाता हो, किसी साझेदारी फर्म को देय हो या उससे प्राप्त किया गया हो।
किसी अन्य व्यक्ति जैसे पति/पत्नी, नाबालिग बच्चे आदि की आय को उनकी आय के साथ जोड़ा जाना चाहिए - यदि जोड़ी जाने वाली आय उपरोक्त श्रेणियों में से किसी में आती है।
- पूर्व के वर्षों की तुलना में आई.टी.आर.-2 में क्या बदलाव हुए हैं?
वित्त अधिनियम 2023 ने धारा 115BAC के प्रावधानों में संशोधन किया है, ताकि इसे व्यक्ति और एच.यू.एफ. के लिए डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जा सके। यदि कोई निर्धारिती नई कर व्यवस्था के अनुसार कर का भुगतान नहीं करना चाहता है, तो उसे स्पष्ट रूप से इससे बाहर निकलना होगा तथा पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर चुकाने का विकल्प चुनना होगा।
नई कर व्यवस्था के लिए धारा 87A के तहत छूट की सीमा बढ़ा दी गई है। यदि आपकी कुल आय रु.7 लाख तक है, तो धारा 87A के तहत छूट की अनुमति दी जाएगी और कर शून्य होगा। 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर स्लैब दर के अनुसार कर का भुगतान करना होगा।
अनुसूची 80DD और अनुसूची 80U को फ़ॉर्म 10-IA ब्योरे के साथ संबंधित अनुभाग के तहत दावा की गई विकलांगता का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए जोड़ा गया है। कृपया ध्यान दें कि इन धाराओं के तहत कटौती का लाभ उठाने के लिए फ़ॉर्म 10IA फ़ाइल करना अनिवार्य है। आई.टी.आर. फ़ाइल करने से पहले फ़ॉर्म 10IA फ़ाइल करने की सलाह दी जाती है।
राजनीतिक पार्टी को दिए गए योगदान का ब्यौरा प्रस्तुत करने के लिए अनुसूची 80GGC को जोड़ा गया है।
एल.ई.आई. प्रणाली को ₹50 करोड़ और उससे अधिक मूल्य के सभी भुगतान लेनदेन के लिए शुरू किया गया है, जो रिज़र्व बैंक द्वारा संचालित केंद्रीकृत भुगतान प्रणाली जैसे रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आर.टी.जी.एस.) और नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी.) का उपयोग करने वाली संस्थाओं द्वारा किए जाते हैं। एल.ई.आई. नंबर उन मामलों के लिए प्रस्तुत किया जाना चाहिए जहां दावा किया गया प्रतिदाय ₹50 करोड़ से अधिक है।
- आई.टी.आर.-2 फ़ाइल करने के लिए मुझे किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
- यदि आपकी आय वेतन से है तो आपको अपने नियोक्ता द्वारा जारी फ़ॉर्म 16 की आवश्यकता होगी।
- यदि आपने सावधि जमा या बचत बैंक खाते पर ब्याज अर्जित किया है और उस पर टी.डी.एस. काटा गया है, तो आपको टी.डी.एस. प्रमाण पत्र यानी कटौतीकर्ता द्वारा जारी फ़ॉर्म 16A की आवश्यकता होगी।
- आपको वेतन पर टी.डी.एस. के साथ-साथ वेतन के अलावा अन्य टी.डी.एस. को सत्यापित करने के लिए फ़ॉर्म 26AS की आवश्यकता होगी। फ़ॉर्म 26AS ई-फ़ाईलिंग पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।
- अगर आप किराये पर दिये हुए परिसर में रह रहे हैं, तो आपको एचआरए के परिकलन के लिए सन्दत्त प्राप्तियाँ चाहिए (अगर आपने अपने नियोक्ता को यह नहीं प्रस्तुत किया है)।
- यदि आपके पास शेयरों में कोई पूंजीगत लाभ लेनदेन है, तो पूंजीगत लाभ की गणना के लिए आपको एक वर्ष के दौरान शेयरों या प्रतिभूतियों के पूंजीगत लाभ लेनदेन का सारांश या लाभ/हानि विवरण, यदि कोई हो, की आवश्यकता होगी।
- ब्याज आय की राशि परिकलन करने के लिए आपको अपने बैंक पासबुक, सावधि जमा प्राप्तियाँ (एफडीआरएस) की आवश्यकता होगी।
- अगर आपको अपने गृह संपत्ति से किराया मिलता है, तो आपको अपने अभिधारी / स्थानीय कर भुगतान / उधार ली गई पूँजी ब्यौरा पर ब्याज, (अगर कोई हो) गृह सम्पत्ति से आय का परिकलन करना होगा।
- अगर आप वर्तमान वर्ष में उपगत किसी भी नुकसान का दावा करना चाहते हैं, तो आपको हानि को प्रदर्शित करने वाले सुसंगत दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
- अगर आप पूर्व वर्ष के हानि का दावा करना चाहते हैं, तो आपको कथित हानि का खुलासा करते हुए पूर्व वर्ष से संबंधित ITR-V की एक प्रतिलिपि की आवश्यकता होगी।
- धारा 80C, 80D, 80G, 80GG के तहत कर बचत कटौती का दावा करने के लिए आपको जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्राप्तियाँ, दान प्राप्तियाँ, किराया प्राप्तियाँ, ट्यूशन फीस की प्राप्तियाँ आदि जैसे दस्तावेजों या प्रमाणों की भी आवश्यकता होगी, यदि इन्हें आपके फ़ॉर्म 16 में शामिल नहीं किया गया है।
- आई.टी.आर. फ़ाइल करते समय समस्याओं से बचने के लिए मुझे क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
आईटीआर दाखिल करने और अपना प्रतिदाय सुनिश्चित करने में किसी भी समस्या से बचने के लिए, आपको सुनिश्चित करना होगा कि आपने निम्नलिखित काम पूरा कर लिया है:
- आधार और पैन को लिंक करना
- आपके जिस बैंक खाते में प्रतिदाय चाहते हैं, उसको पूर्व में ही विधिमान्य करा लिया हो।
- आईटीआर दाखिल करने से पहले अपने लिए सही आईटीआर विकल्प चुनें; अन्यथा दाखिल आईटीआर त्रुटिपूर्ण माना जाएगा। साथ ही, आपको सही फ़ॉर्म का उपयोग करके संशोधित आईटीआर दर्ज करना होगा।
- निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर विवरणी फ़ाइल करें।
- अपनी विवरणी सत्यापित करें - आप ई-सत्यापन का विकल्प चुन सकते हैं (अनुशंसित विकल्प – अभी ई-सत्यापन करें) यह आपके आई.टी.आर. को सत्यापित करने का सबसे आसान तरीका है।
- क्या एच.यू.एफ./फर्म धारा 87A के तहत छूट का दावा कर सकता है?
नहीं। धारा 87A के तहत छूट केवल एक व्यक्ति को उपलब्ध है, इसलिए, एक व्यक्ति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति धारा 87A के तहत छूट का दावा नहीं कर सकता है।
- मैं एक गैर-निवासीहूं। क्या मैं धारा 87A के तहत छूट का दावा कर सकता हूं?
नहीं। धारा 87A के तहत छूट केवल उस व्यक्ति को उपलब्ध है जो भारत में निवासी है, इसलिए, गैर-निवासी धारा 87Aके तहत छूट का दावा नहीं कर सकते हैं।
- मेरे पास दो घर हैं। एक फ़ॉर्महाउस है जहां मैं हर सप्ताह जाता हूं और दूसरा घर है जिसमें रहता हूं। क्या इन दोनों आवास को स्व-अध्यासित माना जाएगा?
निर्धारण वर्ष 2019-20 तक आप केवल एक संपत्ति को ही स्व-अधिग्रहित सम्पत्ति के रूप में दावा कर सकते हैं तथा अन्य सम्पत्ति को किराये पर दी गई संपत्ति माना जाएगा।
निर्धारण वर्ष 2020-21 से ही दोनों मकानों को निर्दिष्ट शर्तों की पूर्ति के अधीन आवासीय उद्देश्य के लिए स्व-व्यस्त वाली संपत्ति माना जा सकता है।
- उस संपत्ति से आय की गणना कैसे करें जो वर्ष के कुछ भाग में स्व-व्यस्त में हो तथा कुछ भाग में किराये पर दी गई हो?
इस मामले में, गृह सम्पत्ति से आय शीर्ष के अंतर्गत कर प्रभार्य आय की गणना के प्रयोजनार्थ, ऐसी संपत्ति को वर्ष भर के लिए किराये पर दी गई संपत्ति माना जाएगा तथा आय की गणना तदनुसार की जाएगी।
हालांकि, ऐसी सम्पत्ति के मामले में कराधेय आय की गणना करते समय, वास्तविक किराये को केवल किराये पर देने की अवधि के लिए ही माना जाएगा।
- शीर्ष पूँजी अभिलाभ के तहत कौन सी आय पर कर प्रभारित है?
वर्ष के दौरान पूँजी परिसंपत्ति के अंतरण से होने वाले किसी भी लाभ या प्राप्ति पर पूँजी अभिलाभ शीर्ष के अंतर्गत कर प्रभारित है।
- पूँजी परिसंपत्ति का क्या अर्थ है?
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(14) के तहत पूँजी परिसंपत्ति को परिभाषित किया गया है जिसमें शामिल हैं:
a) निर्धारिती द्वारा धारित किसी भी प्रकार की संपत्ति, चाहे वह निर्धारिती के कारोबार या व्यवसाय से जुड़ी हो या नहीं।
b) किसी एफ.आई.आई. द्वारा धारित कोई प्रतिभूति, जिसने सेबी अधिनियम, 1992 के तहत बनाए गए विनियमों के अनुसार ऐसी प्रतिभूतियों में निवेश किया हो (कुछ अपवादों के अधीन)।
- दीर्घकालिक पूँजी परिसंपत्ति शब्द का क्या अर्थ है?
- किसी भी पूँजी परिसंपत्ति को उसके अंतरण की तिथि से तुरंत पहले 36 महीने से अधिक की अवधि के लिए रखा गया हो तो उसे दीर्घकालिक पूँजी परिसंपत्ति माना जाएगा।
- हालांकि, कुछ परिसंपत्तियों जैसे शेयर (इक्विटी या वरीयता) जो भारत में मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं, इक्विटी-उन्मुख म्यूचुअल फंड की इकाइयां, डिबेंचर और सरकारी प्रतिभूतियों जैसी सूचीबद्ध प्रतिभूतियां, यू.टी.आई. और जीरो कूपन बांड की इकाइयां, के संबंध में धारण की अवधि 36 महीने के बजाय 12 महीने मानी जाएगी।
- किसी कंपनी में गैर-सूचीबद्ध शेयरों के मामले में, धारण की अवधि 36 महीने के बजाय 24 महीने मानी जाएगी।
- निर्धारण वर्ष 2018-19 से अचल सम्पत्ति (भूमि या भवन या दोनों) रखने की अवधि 36 महीने के बजाय 24 महीने मानी जाएगी।
- आयकर कानून के अनुसार, पूँजी परिसंपत्ति के अंतरण पर होने वाले लाभ पर शीर्ष पूँजी अभिलाभ के तहत कर प्रभारित है। आयकर कानूनों के अनुसार हस्तांतरण के अंतर्गत क्या प्रावधान हैं?
आम तौर पर, अंतरण का मतलब बिक्री है, हालांकि, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 2(47) के अनुसार, पूँजी परिसंपत्ति के संबंध में अंतरण में शामिल हैं:
- परिसंपत्ति की बिक्री, विनिमय या त्याग;
- किसी भी पूँजी परिसंपत्ति के संबंध में किसी अधिकार का विलोपन;
- किसी परिसंपत्ति का अनिवार्य अर्जन;
- किसी पूँजी परिसंपत्ति का स्टॉक व्यापार में परिवर्तन करना;
- शून्य कूपन बांड की परिपक्वता या मोचन;
- संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 53A में निर्दिष्ट प्रकृति के अनुबंध के आंशिक निष्पादन में क्रेता को अचल संपत्तियों का कब्जा देने की अनुमति देना;
- ऐसा कोई लेन-देन जो किसी अचल सम्पत्ति के हस्तांतरण या समर्थकारी प्रभाव से किया जाता हो; अथवा
- किसी परिसंपत्ति या उसके किसी हित से अलग करना या किसी भी प्रकार से किसी परिसंपत्ति में कोई हित सृजित करना।
- पूँजी हानि को अग्रानीत और समायोजन करने के संबंध में आयकर कानून के अंतर्गत क्या प्रावधान बनाए गए हैं?
- अगर किसी वर्ष शीर्ष पूँजी अभिलाभ में होने वाली हानि को उसी वर्ष समायोजित नहीं किया जा सकता है, तो असमायोजित पूँजी हानि को अगले वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।
- अनुवर्ती वर्ष (ओं) में, ऐसी हानि को सिर्फ़ शीर्ष पूँजी अभिलाभ के तहत कर के लिए प्रभारित आय के विरुद्ध समायोजित किया जा सकता है. हालांकि, दीर्घावधि पूँजी हानि को केवल दीर्घावधि पूँजी लाभ के बदले समायोजित किया जा सकता है। अल्पकालिक पूँजी हानि को दीर्घावधि पूँजी लाभ के साथ-साथ अल्पकालिक पूँजी अभिलाभ के विरुद्ध भी समायोजित किया जा सकता है।
- उपगत वर्ष में हुई हानि वाले साल के ठीक बाद इसे उत्तरवर्ती आठ वर्ष के लिए अग्रेषित कर सकते हैं।
- ऐसी हानि को केवल तभी आगे बढ़ाया जा सकता है जब जिस वर्ष हानि हुई है, उस वर्ष की आय/हानि की विवरणी, विवरणी प्रस्तुत करने की नियत तिथि को या उससे पहले प्रस्तुत किया जाए, जैसा कि धारा 139(1) के तहत निर्धारित है।
- धारा 2(47A) के तहत परिभाषित आभासी डिजिटल परिसंपत्तियाँ पर कितना कर प्रभारित है?
धारा 115BBH के तहत आभासी डिजिटल परिसंपत्तियों से प्राप्त लाभ पर 30% कर (लागू अधिभार और 4% उपकर सहित) लगेगा।
- आई.टी.आर. फ़ॉर्म में वी.डी.ए .आय का खुलासा कैसे करें?
आई.टी.आर.-2 और 3 में एक अलग अनुसूची, "अनुसूची VDA" है, जहां आप अपनी वी.डी.ए. आय को लेन-देन के अनुसार बता सकते हैं। और यह पूँजी अभिलाभ आय शीर्षक के तहत 30% की विशेष दर से कर योग्य होगी।