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निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए वरिष्ठ नागरिक और अति वरिष्ठ नागरिक के लिए लागू विवरणी और फ़ॉर्म

निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए वरिष्ठ नागरिकों और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए लागू विवरणी और फॉर्म

अस्वीकरण: इस पेज पर दी गई सामग्री केवल अवलोकन और सामान्य मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए है तथा यह संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचना देखें।

 

कोई भी निवासी व्यक्ति जो पूर्व वर्ष किसी भी समय 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का हो, परंतु 80 वर्ष से कम हो, उसे आयकर प्रयोजनों के लिए वरिष्ठ नागरिक माना जाता है। एक अति वरिष्ठ नागरिक वह निवासी व्यक्ति हैँ जो पिछले वर्ष किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक के हो गये हैँ।

 

ध्यान दें:

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194P में 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक को आयकर विवरणी फ़ाइल करने से छूट देने के लिए शर्तें प्रदान की गई हैं।

छूट की शर्तें:

  • वरिष्ठ नागरिक की आयु 75 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए
  • वरिष्ठ नागरिक पिछले वर्ष में 'निवासी' होना चाहिए
  • वरिष्ठ नागरिक के पास केवल पेंशन आय और ब्याज आय और उसी निर्दिष्ट बैंक से अर्जित / अर्जित ब्याज आय है जिसमें वह अपनी पेंशन प्राप्त कर रहा है
  • वरिष्ठ नागरिक निर्दिष्ट बैंक को एक घोषणा प्रस्तुत करेगा।
  • बैंक केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित एक 'निर्दिष्ट बैंक' है। ऐसे बैंक अध्याय VI-A के तहत कटौती और 87A के तहत छूट पर विचार करने के बाद वरिष्ठ नागरिक की टी.डी.एस. कटौती के लिए जिम्मेदार होंगे।
  • एक बार निर्दिष्ट बैंक, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक के लिए कर की कटौती करता है, वरिष्ठ नागरिक द्वारा आयकर विवरणी प्रस्तुत करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।

धारा 194P 1 अप्रैल 2021 से लागू है।

 

 

1. आई.टी.आर.-1 (सहज) – केवल व्यक्ति के लिए लागू

यह विवरणी ऐसे निवासी (सामान्यतः निवासी न होने वाले को छोड़कर) व्यक्ति के लिए लागू है, जिसकी निम्नलिखित स्रोतों से कुल आय ₹ 50 लाख तक है।

वेतन / पेंशन

एक गृह संपत्ति

अन्य स्रोत (ब्याज, परिवार की पेंशन, लाभांश आदि)

₹5,000 तक कृषि आय

धारा 112A के तहत 125000 रुपये तक पूंजीगत लाभ

 

नोट: आई.टी.आर.-1 का उपयोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जो:

  1. एक कंपनीमें निदेशक है
  2. जिसके पास अल्पकालिक पूंजी अभिलाभ है
  3. धारा 112A के तहत रु.1.25 लाख से अधिक का दीर्घकालिक पूँजी अभिलाभ
  4. जिसके पास पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय किसी भी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर रहे हों
  5. भारत से बाहर कोई परिसंपत्ति (किसी संस्था में वित्तीय हित सहित) स्थित है
  6. भारत से बाहर स्थित किसी भी खाते में हस्ताक्षर प्राधिकारी है
  7. भारत से बाहर किसी भी स्रोत से आय है
  8. वह व्यक्ति जिसके मामले में धारा 194N के तहत कर काटा गया है
  9. वह व्यक्ति जिसके मामले में ईएसओपी पर कर का भुगतान या कटौती स्थगित कर दी गई है
  10. कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है।

 

 

2. आई.टी.आर.-2 - व्यक्ति (आई.टी.आर. 1 के लिए पात्र नहीं) और एच.यू.एफ़ के लिए लागू

यह विवरणी व्यक्ति और हिन्दु अविभक्त कुटुम्ब (एच.यू.एफ़) के लिए लागू है।

कारोबार या वृत्ति से लाभ या अभिलाभ शीर्ष के अंतर्गत आय न होना

आई.टी.आर.-1 फ़ाइल करने के लिए कौन पात्र नहीं है?

 

3. आई.टी.आर.-3 - व्यक्ति और एच.यू.एफ़ के लिए लागू

यह विवरणी व्यक्ति और हिन्दु अविभक्त कुटुम्ब (एच.यू.एफ़) के लिए लागू है।

कारोबार या व्यवसाय से लाभ या अभिलाभ शीर्ष के अंतर्गत आय होना

आई.टी.आर.-1, 2 या 4 फ़ाइल करने के लिए कौन पात्र नहीं है

 

 

 

 

4. आई.टी.आर.-4 (सुगम) – व्यक्ति, एच.यू.एफ़ और फ़र्म (एल.एल.पी. के अलावा) के लिए लागू

यह विवरणी ऐसे व्यक्ति या हिन्दु अविभक्त कुटुम्ब (एच.यू.एफ़) के लिए लागू है, जो सामान्य रूप से निवासी न होने के अलावा निवासी है या एक फ़र्म (एल.एल.पी. के अलावा) जो निवासी है, जिसकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है और जिसकी व्यवसाय और पेशे से आय अनुमानित आधार पर गणना की जाती है और निम्नलिखित स्रोतों में से किसी से आय होती है:

वेतन/ पेंशन

एक गृह संपत्ति

अन्य स्रोत (ब्याज, परिवार की पेंशन, लाभांश आदि)

₹5,000 तक कृषि आय

कारोबार / व्यवसाय से आय की गणना धारा 44AD / 44ADA / 44AE के तहत अनुमानित आधार पर की जाती है

धारा 112A के तहत 125000 रुपये तक पूंजीगत लाभ

 

नोट: आई.टी.आर.-1 का उपयोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता है जो:

  1. एक कंपनीमें निदेशक है
  2. जिसके पास अल्पकालिक पूंजी अभिलाभ है
  3. धारा 112A के तहत रु.1.25 लाख से अधिक का दीर्घकालिक पूँजी अभिलाभ
  4. जिसके पास पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय किसी भी गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयर रहे हों
  5. भारत से बाहर कोई परिसंपत्ति (किसी संस्था में वित्तीय हित सहित) स्थित है
  6. भारत से बाहर स्थित किसी भी खाते में हस्ताक्षर प्राधिकारी है
  7. भारत से बाहर किसी भी स्रोत से आय है
  8. वह व्यक्ति जिसके मामले में ईएसओपी पर कर का भुगतान या कटौती स्थगित कर दी गई है
  9. कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है।

 

टिप्पणी: 2 आई.टी.आर.-4 (सुगम) अनिवार्य नहीं है। यह निर्धारिती द्वारा अपने विकल्प पर उपयोग किया जाने वाला एक सरल विवरणी फॉर्म है, यदि वह प्रकल्पित आधार पर कारोबार और व्यवसाय से लाभ और अभिलाभ की घोषणा करने के लिए धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत पात्र है तो।

 

 

लागू होने वाले फॉर्म

1. फ़ॉर्म 15H - किसी व्यक्ति (जो 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का है) द्वारा कर कटौती के बिना कुछ प्राप्तियों का दावा करने हेतु की जाने वाली घोषणा

के द्वारा प्रस्तुत

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

60 वर्ष या उससे अधिक आयु के निवासी व्यक्ति को बैंक से ब्याज आय पर टी.डी.एस. न काटने के लिए कहना

वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित आय

 

2. फ़ॉर्म 12BB - कर कटौती के लिए कर्मचारी द्वारा किए गए दावों का विवरण (धारा 192 के तहत)

द्वारा उपलब्ध करवाई गई

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

अपने नियोक्ता(ओं) के लिए कर्मचारी

स्रोत पर काटे जाने वाले कर (टी.डी.एस.) की गणना के उद्देश्य से एच.आर.ए., एल.टी.सी., उधार ली गई पूंजी पर ब्याज की कटौती, कर बचत के दावे/कटौती के साक्ष्य या विवरण।

 

3. फ़ॉर्म 16 - वेतन पर स्रोत पर कटौतीकृत कर" का विवरण (आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203 के तहत प्रमाणपत्र)

द्वारा उपलब्ध करवाई गई

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

अपने नियोक्ता(ओं) के लिए कर्मचारी

देय/प्रतिदाय योग्य कर की संगणना के उद्देश्य से भुगतान किया गया वेतन, कटौती/छूट और स्रोत पर कर कटौती।

 

 

4. फॉर्म 16A – वेतन के अलावा अन्य आय पर टी.डी.एस. के लिए आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 203 के तहत प्रमाणपत्र

द्वारा उपलब्ध करवाई गई

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

डिडक्टी से डिडक्टर

फ़ॉर्म 16A एक स्रोत पर कर कटौती (टी.डी.एस.) प्रमाणपत्र है जो तिमाही आधार पर जारी किया जाता है, जिसमें टी.डी.एस. की राशि, भुगतान की प्रकृति और आयकर विभाग के पास जमा किए गए टी.डी.एस. भुगतान का विवरण होता है।

 

5.

फ़ॉर्म 26 AS

ए.आई.एस. (वार्षिक सूचना विवरण)

के द्वारा प्रदान किया गया:

आयकर विभाग (यह ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध है:

लॉगिन > ई-फ़ाइल > आयकर विवरणी > फ़ॉर्म 26AS देखें)

फॉर्म में उपबंध किया गया ब्यौरा:

स्रोत पर काटा गया /एकत्रित कर।

के द्वारा प्रदान किया गया:

आयकर विभाग (आयकर ई-फ़ाइलिंग पोर्टल पर लॉगइन करने के बाद इसे एक्सेस किया जा सकता है)

ई-फ़ाईलिंग पोर्टल > लॉगिन > ए.आई.एस. पर जाएं

फॉर्म में उपबंध किया गया ब्यौरा:

  • स्रोत पर कर कटौती/ एकत्र किया गया
  • एस.एफ.टी. सूचना
  • करों का भुगतान
  • मांग/प्रतिदाय

अन्य जानकारी (जैसे लंबित/पूरी कार्यवाही, जी.एस.टी. सूचना, विदेशी सरकार से प्राप्त जानकारी आदि)

 

6. फ़ॉर्म 10E - जब वेतन बकाया या अग्रिम भुगतान किया जाता है तो धारा 89(1) के तहत राहत का दावा करने के लिए आय का विवरण प्रस्तुत करने हेतु फ़ॉर्म

द्वारा उपलब्ध करवाई गई

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

आयकर विभाग का एक कर्मचारी

  • बकाया / अग्रिम वेतन
  • उपदान
  • समापन पर क्षतिपूर्ति
  • पेंशन का कॅम्युटेशन

 

7. फॉर्म 67- भारत से बाहर किसी देश या निर्दिष्ट क्षेत्र से आय का विवरण और विदेशी टैक्स क्रेडिट

के द्वारा प्रस्तुत

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

करदाता

भारत के बाहर किसी देश या निर्दिष्ट क्षेत्र से दावा की गई आय और विदेशी टैक्स क्रेडिट

 

8. फ़ॉर्म 3CB-3CD

के द्वारा प्रस्तुत

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

करदाता जिसे धारा 44AB के तहत अपने खातों का लेखापरीक्षण लेखापाल से कराना आवश्यक है।

धारा 139 की उप-धारा (1) के अधीन आयकर विवरणी प्रस्तुत करने की नियत तिथि से एक माह पूर्व प्रस्तुत किया जाना है।


 

 

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा44AB के तहत खातों की लेखा-परीक्षा रिपोर्ट और विशिष्टियों का विवरण प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है।

 

9. फ़ॉर्म 3CEB

के द्वारा प्रस्तुत

फॉर्म में प्रदान किया गया ब्यौरा

करदाता जिसे अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन या निर्दिष्ट घरेलू लेन-देन में प्रवेश करने के लिए धारा 92E के तहत एक लेखापाल से रिपोर्ट प्राप्त करना आवश्यक है।

धारा 139 की उप-धारा (1) के अधीन आयकर विवरणी प्रस्तुत करने की नियत तिथि से एक माह पूर्व प्रस्तुत किया जाना है।

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 92E के तहत अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन और निर्दिष्ट घरेलू लेन-देन से संबंधित लेखा परीक्षा रिपोर्ट।

 

निर्धारण वर्ष 2025-26 के लिए कर स्लैब

निर्धारण वर्ष 2025-26*** के लिए कर स्लैब

  • वित्त अधिनियम 2024 ने धारा 115BAC के प्रावधानों को कर निर्धारण वर्ष 2024-25 से संशोधित कर दिया है, ताकि नई कर व्यवस्था को व्यक्ति, एच.यू.एफ., ए.ओ.पी. (सहकारी समितियां नहीं), बी.ओ.आई. या कृत्रिम विधिक व्यक्ति होने वाले करदाता के लिए डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जा सके। हालाँकि, पात्र करदाताओं के पास नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने और पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर लगाए जाने का विकल्प चुनने का विकल्प है। पुरानी कर व्यवस्था आयकर गणना और स्लैब की उस प्रणाली को संदर्भित करती है जो नई कर व्यवस्था की शुरुआत से पहले मौजूद थी। पुरानी कर व्यवस्था में, करदाताओं के पास विभिन्न कर कटौती और छूट का दावा करने का विकल्प होता है। हालाँकि, डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था में, पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में कर दरें भिन्न होती हैं।
  • "गैर-व्यावसायिक मामलों" में, व्यवस्था चुनने का विकल्प प्रत्येक वर्ष सीधे आई.टी.आर. में प्रयोग किया जा सकता है और ऐसी आई.टी.आर. को धारा 139(1) के तहत निर्दिष्ट नियत तिथि को या उससे पहले दाखिल करना आवश्यक है।
  • व्यवसाय और पेशे से आय प्राप्त करने वाले पात्र करदाताओं के मामले में, यदि करदाता डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था से बाहर निकलना चाहता है, तो वे आयकर विवरणी प्रस्तुत करने के लिए धारा 139(1) के तहत नियत तिथि को या उससे पहले फॉर्म-10-IEA प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा, इस तरह के विकल्प को वापस लेने के उद्देश्य से अर्थात नई कर व्यवस्था में फिर से प्रवेश करना भी फ़ॉर्म सं.10-IEA प्रस्तुत करने के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था को वापस लेने और डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था में फिर से प्रवेश करने का विकल्प केवल आगामी निर्धारण वर्ष में ही उपलब्ध है तथा - व्यवसाय और पेशे से आय प्राप्त करने वाले पात्र करदाताओं के लिए यह विकल्प जीवनकाल में केवल एक बार ही उपलब्ध है।

 

  1. पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय 60 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 80 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति (निवासी या अनिवासी) के लिए कर की दरें निम्नानुसार हैं:

पुरानी कर व्यवस्था

धारा 115BAC (1A) के तहत डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था

आयकर स्लैब

आयकर दर

*अधिभार

आयकर स्लैब

आयकर दर

*अधिभार

₹ 3,00,000 तक

शून्य

शून्य

₹ 3,00,000 तक

शून्य

शून्य

₹ 3,00,001 - ₹ 5,00,000**

₹ 3,00,000 से 5% अधिक

शून्य

₹ 3,00,001 - ₹ 7,00,000**

₹ 3,00,000 से 5% अधिक

शून्य

₹ 5,00,001 - ₹ 10,00,000

₹ 10,000 + ₹ 5,00,000 से 20% अधिक

शून्य

₹ 7,00,001 - ₹ 10,00,000

₹ 20,000 + ₹ 7,00,000 से 10% अधिक

शून्य

₹ 10,00,001- ₹ 50,00,000

₹ 1,10,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

शून्य

₹ 10,00,001 - ₹ 12,00,000

₹ 50,000 + ₹ 10,00,000 से 15% अधिक

शून्य

₹ 50,00,001- ₹ 100,00,000

₹ 1,10,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

10%

₹ 12,00,001 - ₹ 15,00,000

₹ 80,000 + ₹ 12,00,000 से 20% अधिक

शून्य

₹ 100,00,001- ₹ 200,00,000

₹ 1,10,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

15%

₹ 15,00,001- ₹ 50,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

शून्य

₹ 200,00,001- ₹ 500,00,000

₹ 1,10,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

25%

₹ 50,00,001- ₹ 100,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

10%

₹ 500,00,000 से अधिक

₹ 1,10,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

37%

₹ 100,00,001- ₹ 200,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

15%

 

 

 

₹ ₹ 200,00,001 से अधिक

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

25%

  1. पूर्व वर्ष के दौरान किसी भी समय 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्ति (निवासी या अनिवासी) के लिए कर की दरें निम्नानुसार हैं:

पुरानी कर व्यवस्था

धारा 115BAC के तहत नई कर व्यवस्था

आयकर स्लैब

आयकर दर

*अधिभार

आयकर स्लैब

आयकर दर

*अधिभार

₹ 5,00,000 तक

शून्य

शून्य

₹ 3,00,000 तक

शून्य

शून्य

₹ 5,00,001 - ₹ 10,00,000

₹ 5,00,000 से 20% अधिक

शून्य

₹ 3,00,001 - ₹ 7,00,000**

₹ 3,00,000 से 5% अधिक

शून्य

₹ 10,00,001- ₹ 50,00,000

₹ 1,00,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

शून्य

₹ 7,00,001 - ₹ 10,00,000

₹ 20,000 + ₹ 7,00,000 से 10% अधिक

शून्य

₹ 50,00,001- ₹ 100,00,000

₹ 1,00,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

10%

₹ 10,00,001 - ₹ 12,00,000

₹ 50,000 + ₹ 10,00,000 से 15% अधिक

शून्य

₹ 100,00,001- ₹ 200,00,000

₹ 1,00,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

15%

₹ 12,00,001 - ₹ 15,00,000

₹ 80,000 + ₹ 12,00,000 से 20% अधिक

शून्य

₹ 200,00,001- ₹ 500,00,000

₹ 1,00,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

25%

₹ 15,00,001- ₹ 50,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

शून्य

₹ 500,00,000 से अधिक

₹ 1,00,000 + ₹ 10,00,000 से 30% अधिक

37%

₹ 50,00,001- ₹ 100,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

10%

 

 

 

₹ 100,00,001- ₹ 200,00,000

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

15%

 

 

 

₹ ₹ 200,00,001 से अधिक

₹ 1,40,000 + ₹ 15,00,000 से 30% अधिक

25%

 

*टिप्पणी: धारा 111A, 112, 112A और और लाभांश आय के तहत कर प्रभार्य आय पर, जैसी भी स्थिति हो, 25% और 37% का बढ़ा हुआ अधिभार नहीं लगाया जाएगा। इसलिए, ऐसी आय पर देय कर पर अधिभार की अधिकतम दर 15% होगी, सिवाय इसके कि जब आय धारा 115A, 115AB, 115AC, 115ACA और 115E के तहत कराधेय हो।


**धारा 87A के तहत छूट: निवासी व्यक्ति भी आयकर पर 100% तक की छूट के लिए पात्र हैं, जो कर व्यवस्था के आधार पर अधिकतम सीमा के अधीन है:

कुल आय

पुरानी कर व्यवस्था

नई कर व्यवस्था

धारा 87A के तहत छूट लागू

5 लाख रुपये तक

निवासी व्यक्तियों के लिए रु.12,500 तक की कर छूट लागू है, यदि कुल आय 5,00,000 रुपये से अधिक नहीं है (एन.आर.आई. के लिए लागू नहीं)

निवासी व्यक्तियों के लिए रु.20,000 तक की कर छूट लागू है, यदि कुल आय 7,00,000 रुपये से अधिक नहीं है (एन.आर.आई. के लिए लागू नहीं)

5 लाख से 7 लाख तक

शून्य

 

***नोट: दोनों व्यवस्थाओं में आयकर तथा अधिभार (यदि कोई हो) की राशि पर 4% की दर से स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर का भुगतान किया जाएगा।

 

यदि पुरानी कर व्यवस्था के तहत अर्जित आय क्रमशः ₹ 50 लाख, ₹ 1 करोड़, ₹ 2 करोड़ या ₹ 5 करोड़ से अधिक है और नई कर व्यवस्था के तहत अर्जित आय क्रमशः ₹ 50 लाख, ₹ 1 करोड़, ₹ 2 करोड़ से अधिक है, तो अधिभार से सीमांत राहत का दावा निम्नानुसार किया जा सकता है:

शुद्ध आय रेंज

सीमांत राहत

(रुपये) से अधिक

(रुपये) से अधिक नहीं है

 

 

50 लाख

1 करोड़

आयकर और अधिभार के रूप में देय राशि 50 लाख रुपये की कुल आय पर आयकर के रूप में देय कुल राशि से अधिक नहीं होगी, जो दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत 50 लाख रुपये से अधिक की आय की राशि से अधिक नहीं होगी।

1 करोड़

2 करोड़

आयकर और अधिभार के रूप में देय राशि, 1 करोड़ रुपये की कुल आय पर आयकर के रूप में देय कुल राशि से अधिक नहीं होगी, तथा दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय की राशि से अधिक नहीं होगी।

2 करोड़

5 करोड़

आयकर और अधिभार के रूप में देय राशि, 2 करोड़ रुपये की कुल आय पर आयकर के रूप में देय कुल राशि से अधिक नहीं होगी, तथा दोनों कर व्यवस्थाओं के तहत 2 करोड़ रुपये से अधिक की आय की राशि से अधिक नहीं होगी।

5 करोड़

आयकर और अधिभार के रूप में देय राशि 5 करोड़ रुपये की कुल आय पर आयकर के रूप में देय कुल राशि से अधिक नहीं होगी, जो पुरानी व्यवस्था के तहत 5 करोड़ रुपये से अधिक की आय की राशि से अधिक नहीं होगी।

 

निवेश / भुगतान / आय, जिनसे मुझे कर लाभ प्राप्त हो सकता है

A. धारा 115BAC (1A) के तहत नई कर व्यवस्था का चयन करने वाले करदाता के लिए निम्नलिखित कटौती उपलब्ध होगी:

1. धारा 24(b) – आवास ऋण पर दिए गए ब्याज पर गृह सम्पत्ति से आय से कटौती:

सम्पत्ति की प्रकृति

ऋण का उद्देश्य

स्वीकार्य (अधिकतम सीमा)

आई.टी.आर. भरने के लिए आवश्यक विवरण

किराए पर संदत्त

गृह सम्पत्ति का निर्माण या खरीद

बिना किसी सीमा के वास्तविक मूल्य

• बैंक / बैंक के अलावा अन्य से लिया गया ऋण
• बैंक / संस्था / व्यक्ति का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• ऋण खाता संख्या।
• ऋण स्वीकृत करने की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 24(b) के तहत उधार ली गई पूँजी पर ब्याज

2. आयकर अधिनियम के अध्याय VIA के अंतर्गत निर्दिष्ट कर कटौतियां

धारा 80CCD(2)

केंद्रीय सरकार की पेंशन योजना में नियोक्ता द्वारा किए गए योगदान की कटौती

नियोक्ताओं की सभी श्रेणियों के लिए

वेतन की कटौती सीमा 14%

B. पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले करदाता के लिए निम्नलिखित कटौती उपलब्ध होगी:

 

  1. धारा 24(b) – आवास ऋण और आवास सुधार ऋण पर दिए गए ब्याज पर गृह सम्पत्ति से आय से कटौती। स्व - अधिकृत सम्पत्ति के मामले में, आवास ऋण पर भुगतान की गई ब्याज की कटौती की ऊपरी सीमा ₹ 2 लाख है। अनुमत धारा 24(b) के तहत अनुज्ञेय ऋण पर ब्याज नीचे सारणीबद्ध है:

सम्पत्ति की प्रकृति

ऋण कब लिया गया था

ऋण का उद्देश्य

स्वीकार्य (अधिकतम सीमा)

आवश्यक विवरण

स्व-अध्यासित

1/04/1999 को या उसके बाद

गृह सम्पत्ति का निर्माण या खरीद

₹ 2,00,000

• बैंक / बैंक के अलावा अन्य से लिया गया ऋण
• बैंक / संस्था / व्यक्ति का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• ऋण खाता संख्या।
• ऋण स्वीकृत करने की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 24(b) के तहत उधार ली गई पूँजी पर ब्याज

1/04/1999 को या उसके बाद

गृह सम्पत्ति की मरम्मत के लिए

₹ 30,000

1/04/1999 से पहले

गृह सम्पत्ति का निर्माण या खरीद

₹ 30,000

1/04/1999 से पहले

गृह सम्पत्ति की मरम्मत के लिए

₹ 30,000

किराए पर संदत्त

किसी भी समय

गृह सम्पत्ति का निर्माण या खरीद

बिना किसी सीमा के वास्तविक मूल्य
निर्धारण वर्ष के दौरान अन्य आय शीर्षों के लिए अधिकतम 200000 रुपये की हानि समायोजित की जा सकती है तथा शेष राशि को आगामी 8निर्धारण वर्षों तक अग्रानीत किया जा सकता है।

2. आयकर अधिनियम के अध्याय VIA के अंतर्गत निर्दिष्ट कर कटौतियां

 

धारा 80C, 80CCC, 80CCD (1)

किए गए भुगतान के लिए कटौती

80c

  • जीवन बीमा प्रीमियम
  • भविष्य निधि
  • कुछ इक्विटी शेयरों के लिए अभिदान
  • ट्यूशन फीस
  • राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र
  • आवास ऋण मूल
  • अन्य विभिन्न मद

 

संयुक्त कटौती सीमा ₹ 1,50,000

प्रत्येक पात्र भुगतान के लिए आई.टी.आर. में भरे जाने वाले विवरण
• पॉलिसी नंबर या दस्तावेज़ पहचान संख्या
• धारा 80C के तहत कटौती के लिए पात्र राशि

80CCC

पेंशन योजना के लिए एल.आई.सी. या अन्य बीमाकर्ता की वार्षिकी योजना

80CCD(1)

केंद्र सरकार की पेंशन योजना

 

 

धारा 80CCD(1B)

 

केंद्रीय सरकार की पेंशन योजना के लिए किए गए भुगतान के लिए कटौती, 80CCD (1) के तहत दावा की गई कटौती को छोड़कर

कटौती सीमा ₹ 50,000

 
 

ध्यान दें:
धारा 80CCD (1),80 CCD (1B) के तहत कटौती का दावा करने वाले करदाताओं को नीचे दिए गए विवरण प्रदान करने होंगे:
• योगदान की राशि
• करदाता का पी.आर.ए.एन.

धारा 80CCD(2)

केंद्रीय सरकार की पेंशन योजना में नियोक्ता द्वारा किए गए योगदान की कटौती

यदि नियोक्ता पी.एस.यू. या अन्य है

वेतन की कटौती सीमा 10%

यदि नियोक्ता केंद्र या राज्य सरकार है

वेतन की कटौती सीमा 14%

 

धारा 80D

स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और निवारक स्वास्थ्य की जांच-पड़ताल करने के लिए किए गए भुगतान के लिए कटौती

स्वयं / जीवन साथी या आश्रित बच्चों के लिए

 

₹ 25,000 (यदि कोई व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक है तो ₹ 50,000)

निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए ₹5,000, उपरोक्त सीमा में शामिल

माता-पिता के लिए

₹ 25,000 (यदि कोई व्यक्ति वरिष्ठ नागरिक है तो ₹ 50,000)

निवारक स्वास्थ्य जांच के लिए ₹5,000, उपरोक्त सीमा में शामिल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

वरिष्ठ नागरिक पर किए गए चिकित्सा व्यय के लिए कटौती, यदि स्वास्थ्य बीमा कवरेज पर प्रीमियम का भुगतान नहीं किया जाता है

 

स्वयं / पति या पत्नी या आश्रित बच्चों के लिए

कटौती सीमा ₹ 50,000

माता-पिता के लिए

कटौती सीमा ₹ 50,000

कृपया ध्यान दें:

यदि आप धारा 80 D के तहत कटौती का दावा करना चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए विवरण दर्ज करने होंगे:
• बीमाकर्ता का नाम (बीमा कंपनी)
• पॉलिसी संख्या
• स्वास्थ्य बीमा राशि

धारा 80DD

 

 

 

विकलांग आश्रित के रख-रखाव या चिकित्सीय उपचार के लिए किए गए भुगतान के लिए कटौती या सुसंगत अनुमोदित योजना के तहत किसी भी राशि का भुगतान/जमा किया गया

स्थिर कटौती
₹ 75,000
व्यय की सीमा के बिना, विकलांग व्यक्ति के लिए उपलब्ध।

कटौती
₹ 1,25,000
अगर व्यक्ति को गंभीर दिव्यांगता है ( 80 % या उससे अधिक ).=

 
 

ध्यान दें:

धारा 80 DD के तहत कटौती का दावा करने के लिए आई.टी.आर. में नीचे दिए गए विवरण प्रदान करने होंगे:
• दिव्यांगता की प्रकृति
• दिव्यांगता का प्रकार
• कटौती की राशि
• आश्रित का प्रकार
• आश्रित का पैन
• आश्रित का आधार
• ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी या बहु दिव्यांगता के मामले में फ़ाइल किए गए फॉर्म 10 IA की पावती संख्या
• यू.डी.आई.डी. नंबर (यदि उपलब्ध हो)

धारा 80DDB

 

निर्दिष्ट रोगों के लिए स्वयं या आश्रित के चिकित्सा उपचार के लिए किए गए भुगतान के लिए कटौती

₹ 40,000 की कटौती सीमा

( ₹ 1,00,000 यदि वरिष्ठ नागरिक है )

 
 

 

धारा 80E

स्वयं या रिश्तेदार की उच्च शिक्षा के लिए ऋण पर किए गए ब्याज भुगतान के लिए कटौती

लिए गए ऋण पर ब्याज के लिए भुगतान की गई कुल राशि

ध्यान दें:

धारा 80E के तहत कटौती का दावा करने के लिए, आई.टी.आर. में निम्नलिखित विवरण प्रदान करना आवश्यक है:
• बैंक/संस्था से लिया गया ऋण
• उस संस्था/बैंक का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• बैंक / संस्था की ऋण खाता संख्या।
• ऋण स्वीकृति की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 80E के तहत ब्याज

कृपया ध्यान दें कि धारा 80E के तहत कटौती का दावा केवल तभी किया जा सकता है जब धारा 24(b) में निर्धारित सीमा समाप्त हो गई हो।

धारा 80EE

आवासीय गृह संपत्ति के अधिग्रहण के लिए लिए गए ऋण पर किए गए ब्याज भुगतान के लिए कटौती, जहां ऋण 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच स्वीकृत किया गया हो

कटौती सीमा
₹ 50,000
लिए गए ऋण पर भुगतान की जाने वाले ब्याज पर

ध्यान दें:

धारा 80EE के तहत दावा करने के लिए, आई.टी.आर. में नीचे दिए गए विवरण प्रदान करने होंगे
• उस बैंक/संस्था का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• बैंक / संस्था की ऋण खाता संख्या।
• ऋण स्वीकृति की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 80EE के तहत ब्याज

 

धारा 80EEA

यह कटौती केवल उन व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है जो पहली बार आवासीय गृह संपत्ति के अधिग्रहण के लिए लिए गए ऋण पर किए गए ब्याज भुगतान के लिए ऋण लेते हैं, जहां ऋण 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2022 के बीच स्वीकृत किया गया हो और धारा 80EE के तहत कटौती का दावा नहीं किया गया हो

 

कटौती सीमा
₹ 1,50,000
लिए गए ऋण पर भुगतान की जाने वाले ब्याज पर

ध्यान दें:

धारा 80EEA के तहत कटौती का दावा करने के लिए, आई.टी.आर. में नीचे दिए गए विवरण प्रदान करने होंगे
• आवासीय गृह संपत्ति का स्टाम्प मूल्य
• बैंक/संस्था से लिया गया ऋण
• उस बैंक/संस्था का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• बैंक/संस्था की ऋण खाता संख्या
• ऋण स्वीकृति की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 80EEA के तहत ब्याज

कृपया ध्यान दें कि धारा 80EEA के तहत कटौती का दावा केवल तभी किया जा सकता है जब धारा 24(b) में निर्धारित सीमा समाप्त हो गई हो। इसके अलावा, ऋण स्वीकृति तिथि और अन्य पात्र शर्तों के आधार पर करदाता द्वारा 80EE या 80EEA का दावा किया जा सकता है।

धारा 80EEB

इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद के लिए ऋण पर किए गए ब्याज भुगतान के लिए कटौती, जहां ऋण 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2023 के बीच स्वीकृत किया गया हो

कटौती सीमा
₹ 1,50,000
लिए गए ऋण पर भुगतान की जाने वाले ब्याज पर

ध्यान दें:

धारा 80EEB के तहत कटौती का दावा करने के लिए, आई.टी.आर. में नीचे विवरण प्रदान करने होंगे
• बैंक/संस्था से लिया गया ऋण
• उस बैंक/संस्था का नाम जिससे ऋण लिया गया है
• बैंक / संस्था की ऋण खाता संख्या।
• ऋण स्वीकृति की तिथि
• ऋण की कुल राशि
• वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक बकाया ऋण
• धारा 80EEB के तहत ब्याज राशि
• वाहन पंजीकरण संख्या

धारा 80G

निर्धारित निधियों, धर्मार्थ संस्थाओं आदि को दिए गए दान के लिए कटौती।

दान नीचे दी गई श्रेणियों के अंतर्गत कटौती के पात्र है

बिना किसी सीमा के

100% कटौती

50% कटौती

योग्यता सीमा के अधीन रहते हुए

100% कटौती

50% कटौती

 



 

 

 

 

 

 

टिप्पणी:इस धारा के अंतर्गत ₹ 2000/- से अधिक नकद में किए गए दान के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं दी जाएगी

 

धारा 80GG

घर के लिए भुगतान किए गए किराए की कटौती और केवल उन लोगों के लिए लागू जो स्व-नियोजित हैं या जिनके लिए एच.आर.ए. वेतन का हिस्सा नहीं है

निम्नलिखित में से सबसे कम को कटौती के रूप में अनुमति

भुगतान किया गया किराया जो इस कटौती से पहले कुल आय से 10% कम है

₹ 5,000 प्रति माह

कुल आय का 25% (धारा 111A के तहत दीर्घकालिक पूँजी अभिलाभ, अल्पकालिक पूँजी अभिलाभ या धारा 115A या 115D के तहत आय को छोड़कर)


नोट: धारा 80GG के तहत कटौती का दावा करने के लिए, आय की विवरणी दाखिल करते समय अनुसूची 80 GG में फ़ॉर्म 10 BA फ़ाइल करना और फ़ॉर्म 10 BA की (पावती संख्या) दर्ज करना अनिवार्य है

 

धारा 80GGA

वैज्ञानिक अनुसंधान या ग्रामीण विकास के लिए किए गए दान के लिए कटौती


दान निम्न श्रेणियों के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र हैं:

अनुसंधान संबंध या विश्वविद्यालय, महाविद्यालय या अन्य संस्था के लिए

  • वैज्ञानिक अनुसंधान
  • सामाजिक विज्ञान या सांख्यिकीय अनुसंधान

संबंध या संस्था के लिए

  • ग्रामीण विकास
  • प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण या वनीकरण के लिए

किसी भी पात्र परियोजना को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय समिति द्वारा स्वीकृत पी.एस.यू. या स्थानीय प्राधिकारी या संघ या संस्थान

केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित निधि

  • वन - रोपण
  • ग्रामीण विकास

केंद्रीय सरकार द्वारा स्थापित और अधिसूचित के रूप में राष्ट्रीय शहरी गरीबी उन्मूलन निधि

 

 

टिप्पणी: इस धारा के तहत 2000/- रुपये से अधिक नकद में किए गए दान के संबंध में कोई कटौती की अनुमति नहीं की जाएगी या यदि सकल कुल आय में कारोबार/व्यवसाय से लाभ/अभिलाभ से आय शामिल है

 

 

धारा 80GGC

 

 

राजनीतिक दल या चुनावी ट्रस्ट को किए गए दान के लिए कटौती

 

राजनीतिक दल या चुनावी ट्रस्ट को किए गए दान के लिए कटौती

यदि कोई योगदान नकद में किया जाता है तो कोई कटौती नहीं की जाएगी

 
 

 

धारा 80TTB

 

 

निवासी वरिष्ठ नागरिकों द्वारा किए गए डिपॉज़िट पर प्राप्त ब्याज पर कटौती

कटौती सीमा
₹ 50,000/-

 
 

 

धारा 80U

 

 

दिव्यांगता वाले निवासी व्यक्ति करदाता के लिए कटौतियां

 

विकलांग व्यक्ति के लिए फ्लैट ₹ 75,000 की कटौती, चाहे कितना भी खर्च किया गया हो

गंभीर विकलांगता (80% या अधिक) वाले व्यक्ति के लिए फ्लैट ₹ 1,25,000 की कटौती, चाहे कितना भी खर्च किया गया हो

 
 

कृपया ध्यान दें:

धारा 80U के तहत कटौती का दावा करने के लिए, नीचे विवरण प्रदान करने होंगे।
• दिव्यांगता की प्रकृति
• दिव्यांगता का प्रकार
• कटौती की राशि
• ऑटिज्म, सेरेब्रल पाल्सी या बहु विकलांगता के मामले में फ़ाइल किए गए फ़ॉर्म 10 IA की पावती संख्या।
• यू.डी.आई.डी. नंबर (यदि उपलब्ध हो)

 

करदाता की आयु की परवाह किए बिना लागू कर लाभों के साथ साथ, वरिष्ठ/अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए कुछ अन्‍य बढ़े हुए / अतिरिक्त लाभ हैं। अतिरिक्त लाभों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है:

 

आयकर विवरणी का कागजी दाखिला

अति वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष या उससे अधिक आयु के) के पास फ़ॉर्म 1 या 4 का उपयोग करके ऑफलाइन/कागजी तरीके से अपना आई.टी.आर. जमा करने का विकल्प है। उनके लिए ई-फ़ाईलिंग का विकल्प भी उपलब्ध है।

 

अग्रिम कर भुगतान से राहत

धारा 208 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति जिसकी वर्ष के लिए अनुमानित कर देयता ₹ 10,000 या उससे अधिक है, उसे अपना कर अग्रिम कर के रूप में अग्रिम रूप से चुकाना होगा। लेकिन, अनुभाग 207 निवासी वरिष्ठ नागरिक को अग्रिम कर के भुगतान से राहत प्रदान करता है। इस प्रकार, कोई निवासी वरिष्ठ नागरिक, जिसके पास कारोबार या व्यवसाय से कोई आय नहीं है, अग्रिम कर अदा करने के लिए उत्तरदायी नहीं है। इसलिए, 234B और 234C आई.टी.आर. 1 और आई.टी.आर. 2 दाखिल करने वाले वरिष्ठ और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए लागू नहीं हैं।

 

बैंक जमा के ब्याज पर आयकर कटौती

आयकर अधिनियम की धारा 80TTB बैंकों, डाक घर या सहकारी बैंकों में जमा राशि से अर्जित ब्याज पर कर लाभ की अनुमति देती है। वरिष्ठ नागरिक द्वारा अर्जित 50,000 रुपए तक की अधिकतम ब्याज आय के लिए कटौती की अनुमति है। इस उपबंध के अंतर्गत बचत जमा और सावधि जमा पर अर्जित ब्याज कटौती का पात्र है।

इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 194A के तहत बैंक, डाक घर या सहकारी बैंक द्वारा वरिष्ठ नागरिक को 50,000 रुपये तक के ब्याज भुगतान पर स्रोत पर कोई कर कटौती (टी.डी.एस.) नहीं की जाती है। इस सीमा की संगणना प्रत्येक बैंक के लिए व्यक्तिगत रूप से की जानी है।

 

चिकित्सा सम्बन्धी बीमा और व्यय के संबंध में कर लाभ

आयकर अधिनियम की धारा 80D के अनुसार, वरिष्ठ नागरिक चिकित्सा बीमा पॉलिसी के प्रीमियम के भुगतान पर ₹ 50,000 तक की उच्च कटौती का लाभ उठा सकते हैं। गैर-वरिष्ठ नागरिकों के मामले में सीमा 25,000 रुपए है।

इसके अलावा, आयकर अधिनियम की धारा 80DDB किसी व्यक्ति द्वारा स्वयं या किसी आश्रित पर अधिनियम में उल्लिखित विशिष्ट बीमारियों के उपचार के लिए किए गए व्यय पर कर कटौती की अनुमति देती है। किसी वरिष्ठ नागरिक के मामले में अधिकतम कटौती राशि 1 लाख रुपए है (गैर-वरिष्ठ नागरिक करदाताओं के लिए 40,000 रुपए है)।

 

पृष्ठ की अंतिम बार समीक्षा की गई या अपडेट किया गया: 18-अगस्त-2025