निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए व्यक्तियों की समिति (ए.ओ.पी.) / व्यक्तियों का निकाय (बी.ओ.आई.) / न्यास / कृत्रिम विधिक व्यक्ति (ए.जे.पी.) के लिए लागू विवरणी और फॉर्म
अस्वीकरण: इस पृष्ठ की सामग्री केवल अवलोकन / सामान्य मार्गदर्शन देने के लिए है और संपूर्ण नहीं है। सम्पूर्ण ब्यौरा और दिशानिर्देशों के लिए, कृपया आयकर अधिनियम, नियम और अधिसूचनाओं का संदर्भ लें। |
व्यक्तियों की समिति (ए.ओ.पी.) या व्यक्तियों का निकाय (बी.ओ.आई.), चाहे यह निगमित हो, को आयकर अधिनियम की धारा 2(31) 1961 के तहत एक व्यक्ति के रूप में माना गया है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ए.ओ.पी. या बी.ओ.आई. को मान्य व्यक्ति माना जाएगा, चाहे वह आय, लाभ या अभिलाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से गठित या स्थापित या निगमित हो या न हो।
धर्मार्थ या धार्मिक प्रयोजनों के लिए पूर्णतः निर्मित न्यास को आयकर अधिनियम के अंतर्गत विभिन्न लाभ और, अन्य बातों के साथ - साथ, धारा 11 के तहत छूट प्रदान करने की अनुमति दी जाती है।
कृत्रिम विधिक व्यक्ति - यदि कोई निर्धारिती व्यक्ति की परिभाषा में शामिल किसी अन्य श्रेणी के अंतर्गत नहीं आता है तो उसे कृत्रिम विधिक व्यक्ति के रूप में समझा जाना चाहिए। ये संस्थाएं प्राकृतिक व्यक्ति नहीं हैं बल्कि विधि के अनुसार अलग-अलग संस्थाएं हैं।
1. आयकर रिटर्न(ITR)-5 | ||
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इस फॉर्म का उपयोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है जो:
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2. आई.टी.आर.-7 | ||||||
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उन कंपनियों सहित उन सभी व्यक्तियों के लिए लागू, जिनके लिए 139(4A) या 139(4B) या धारा 139(4C) या 139(4D के तहत विवरणी प्रस्तुत करना आवश्यक है।
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लागू होने वाले फॉर्म
1. फ़ॉर्म 26AS - वार्षिक सूचना विवरण | ||||
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टिप्पणी: (अग्रिम कर/एस.ए.टी., प्रतिदाय का ब्यौरा, एस.एफ.टी. लेन-देन, धारा 194 IA, 194 IB,194M, टी.डी.एस. डिफॉल्ट के तहत टी.डी.एस.) के संबंध में जानकारी जो 26AS में उपलब्ध थी, अब नीचे उल्लिखित ए.आई.एस. में उपलब्ध होगी। |
2. ए.आई.एस.- वार्षिक जानकारी विवरण | ||||
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3. फ़ॉर्म 3सी.ए.-3CD | ||||
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4. प्रारूप 3CB-3CD | ||||
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5. प्रारूप 10B | ||||
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6. फॉर्म 10BB | ||||
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7. फॉर्म 10 | ||||
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8. फॉर्म 10A | ||||
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9. फॉर्म 10BD | ||||
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10. फॉर्म 9A | ||||
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11. फॉर्म 16A | ||||
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निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए कर स्लैब
ए.ओ.पी./बी.ओ.आई./ए.जे.पी. के लिए कर दरें नीचे दी गई हैं, हालांकि वे बाद में वर्णित शर्तों के अधीन हैं।
ध्यान दें: वे न्यास जिन्हें सुसंगत प्रावधानों के अनुसार कराधान से छूट प्राप्त नहीं हैं और जिन्हें आयकर अधिनियम के अंतर्गत अनुमोदन/पंजीकरण प्राप्त करने की जरूरत होती है , उन्हें ए.ओ.पी. के रूप में निर्धारित किया जाता है। |
वित्त अधिनियम 2023 ने निर्धारण वर्ष 2024-25 से प्रभावी धारा 115BAC के प्रावधानों में संशोधन किया है ताकि व्यक्तिगत, एच.यू.एफ., ए.ओ.पी. (सहकारी समिति के अलावा), बी.ओ.आई. या कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति होने वाले निर्धारिती के लिए डिफ़ॉल्ट कर व्यवस्था बनाया जा सके। हालांकि, पात्र करदाताओं के पास नई कर व्यवस्था से बाहर निकलने और पुरानी कर व्यवस्था के तहत कर लगाए जाने का विकल्प चुनने का विकल्प है। पुरानी कर व्यवस्था आयकर गणना और स्लैब की उस प्रणाली को संदर्भित करती है जो नई कर व्यवस्था की शुरुआत से पहले मौजूद थी। पुरानी कर व्यवस्था में, करदाताओं के पास विभिन्न कर कटौती और छूट का दावा करने का विकल्प होता है।
"गैर-व्यावसायिक मामलों" के मामले में, व्यवस्था चुनने का विकल्प हर साल सीधे आई.टी.आर. में धारा 139(1) के तहत निर्दिष्ट नियत तिथि को या उससे पहले इस्तेमाल किया जा सकता है।
यदि पात्र करदाता जिनकी कारोबार या व्यवसाय से आय है और वे नई कर व्यवस्था से बाहर निकलना चाहते हैं, तो निर्धारिती को आयकर विवरणी फ़ाइल करने के लिए धारा 139(1) के तहत नियत तिथि को या उससे पहले फ़ॉर्म 10-IEA भरना होगा। साथ ही, ऐसे विकल्प को वापस लेने के उद्देश्य से यानी पुरानी कर व्यवस्था से बाहर निकलने का विकल्प भी फ़ॉर्म संख्या.10-IEA प्रस्तुत करके किया जाएगा।
हालाँकि, कारोबार और व्यवसाय से आय वाले पात्र करदाताओं के मामले में पुरानी कर व्यवस्था में स्विच करने और किसी भी तत्पश्चात निर्धारण वर्ष में विकल्प वापस लेने का विकल्प जीवनकाल में केवल एक बार उपलब्ध है।
ए.ओ.पी. (जो सहकारी समितियाँ नहीं हैं), बी.ओ.आई. और कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति के लिए दो व्यवस्थाओं के तहत कर की दरें नीचे दी गई हैं:
पुरानी कर व्यवस्था | धारा 115BAC के तहत नई कर व्यवस्था | ||
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आयकर स्लैब | आयकर दर | आयकर स्लैब | आयकर दर |
₹ 3,00,000 तक | शून्य | ₹ 3,00,000 तक | शून्य |
₹ 3,00,001 - ₹ 5,00,000 | ₹3,00,000 से अधिक 5% | ₹ 3,00,001 - ₹ 6,00,000 | ₹3,00,000 से अधिक 5% |
₹ 5,00,001 - ₹ 10,00,000 | ₹10,000 + ₹5,00,000 से अधिक पर 20% | ₹ 6,00,001 - ₹ 9,00,000 | ₹15,000 + ₹6,00,000 से अधिक पर 10% |
₹ 10,00,000 से अधिक | ₹1,10,000 + ₹10,00,000 से अधिक पर 30% | ₹ 9,00,001 - ₹ 12,00,000 | ₹45,000 + ₹9,00,000 से अधिक पर 15% |
₹ 12,00,001 - ₹ 15,00,000 | ₹90,000 + ₹12,00,000 से अधिक पर 20% | ||
₹15,00,000 से अधिक | ₹1,50,000 + ₹15,00,000 से अधिक पर 30% |
ए.ओ.पी./बी.ओ.आई. का कर दायित्व इस बात पर निर्भर करता है कि ए.ओ.पी./बी.ओ.आई. के सदस्यों का हिस्सा ज्ञात है या नहीं। तदनुसार, आगे लागू शर्तें निम्नलिखित प्रकार हैं:
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अधिभार, सीमांत राहत और स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर
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ध्यान दें: एक ए.ओ.पी. / बी.ओ.आई., जिसकी समायोजित कुल आय ₹ 20 लाख से अधिक है, समायोजित कुल आय के 18.5% पर वैकल्पिक न्यूनतम कर (ए.एम.टी.), (साथ में अधिभार और लागू के रूप में स्वास्थ्य व शिक्षा उपकर) का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा, जहां सामान्य कर दायित्व समायोजित कुल आय के 18.5% से कम है। |
निवेश / भुगतान / आय जिस पर मुझे कर लाभ मिल सकता है
आयकर अधिनियम के अध्याय VI-A के अंतर्गत निर्दिष्ट कर कटौतियां।
धारा 80G | ||||||||||||
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कुछ निधियों, धर्मार्थ संस्थानों आदि को किए गए दान के लिए कटौती। दान निम्न श्रेणियों के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र हैं:
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धारा 80GGA | |||||
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वैज्ञानिक अनुसंधान या ग्रामीण विकास के लिए कुछ दान के संबंध में कटौती। दान निम्न श्रेणियों के अंतर्गत कटौती के लिए पात्र हैं:
नोट: नकद में किया गया दान ₹ 2000/- से अधिक होने पर या यदि सकल कुल आय में कारोबार/व्यवसाय से लाभ/अभिलाभ शामिल हो तो इस धारा के तहत किसी कटौती की अनुमति नहीं होगी। |
धारा 80GGC | |||
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राजनीतिक दल या चुनावी न्यास में योगदान की गई राशि को कटौती की अनुमति है (कुछ शर्तों के के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80IA | |||||
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किसी भी आधारभूत संरचना सुविधा (केवल भारतीय कम्पनी), औद्योगिक पार्कों (कोई भी उपक्रम), किसी भी बिजली उपक्रम, बिजली उत्पादन संयंत्रों के पुनर्निर्माण या पुनः प्रवर्तन (भारतीय कम्पनी) के विकास, रखरखाव और संचालन में लगे उपक्रम कटौती का दावा करने के हकदार होंगे। (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80IAB | |||||
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विशेष आर्थिक क्षेत्र के विकास में लगे उपक्रम या उद्यम द्वारा लाभ और अभिलाभ के संबंध में कटौती (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80IB | ||||
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निर्दिष्ट कारोबार से लाभ और अभिलाभ के लिए कटौती। इस धारा के तहत कटौती एक ऐसे निर्धारिती के लिए उपलब्ध है जिसकी सकल कुल आय में निम्न कारोबार से प्राप्त कोई भी लाभ और अभिलाभ शामिल है:
विभिन्न प्रकार के उपक्रमों के लिए निर्दिष्ट शर्तों के रूप में 5 / 10 / 7 वर्षों के लिए मुनाफ़े का 100% / 25% |
धारा 80IBA | |||
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आवास परियोजनाओं के विकास और निर्माण से व्युत्पन्न लाभ और अभिलाभ |
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धारा 80IC | |||
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हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तरांचल और उत्तर-पूर्वी राज्यों में कुछ उपक्रमों के संबंध में कटौती (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80IE | |||
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उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थापित कुछ उपक्रमों के लिए कटौती (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80JJA | |||
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जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट के संग्रह और प्रसंस्करण के कारोबार से लाभ और अभिलाभ के संबंध में कटौती (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80JJAA | |||
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नए श्रमिकों/कर्मचारियों के रोजगार के संबंध में कटौती, उस निर्धारिती पर लागू जिस पर धारा 44AB लागू होती है (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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धारा 80LA | |||
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विदेशी बैंकिंग इकाइयों और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र की आय के लिए कटौती (कुछ शर्तों के अधीन रहते हुए) |
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